UP : प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने वाले हो जाएं सावधान: डॉ0 एके मिश्रा
तांबे की बोतल में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए बेहतर
बलिया। मेडिकल साइंस की मानें तो प्लास्टिक बोतल में पानी पीना इंसान के लिए घातक हो सकता है। इसकी जगह तांबे की बोतल में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। आयुर्वेद के अनुसार ताम्र पात्र में रखा जल अमृत के समान हो जाता है। उक्त जानकारी देते हुए आयुर्वेदिक अस्पताल रेवती में तैनात एमडी डॉ0 एके मिश्रा ने बताया कि कम माइक्रॉन प्लास्टिक बोतल या प्लास्टिक जार में पानी पीने वालें सावधान हो जाए। यदि आप ऐसा करते है तो अपनी आदतों में सुधार लाए अन्यथा आपको कैंसर, मधुमेह, पेट, आंत की बीमारियां कभी भी अपनी जद में ले सकती है। उन्होंने बताया कि शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने के लिए रोजाना पर्याप्त पानी पीना चाहिए। आजकल बोतल बंद पानी का चलन बढ़ रहा है। जो कि स्वास्थ्य के लिए घातक है। कम माइक्रॉन की प्लास्टिक बोतल का उपयोग बिल्कुल भी न करे। प्लास्टिक बोतल का उपयोग एक बार ही किया जाना चाहिए। मेडिकल साइंस भी मानता है कि सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतल को बार बार पानी भर कर पीने से कैंसर, मधुमेह, पेट की बीमारी के होने प्रबल हो मधुमेह होने की संभावना हो जाती है। बताया कि ताम्र पात्र में रखा पीने का पानी सेहत के लिए अमृत समान हो जाता है। बताया कि कम मोटाई की प्लास्टिक बोतल बनाने वाले उत्पादों से प्रदूषण होता है। प्लास्टिक बोतल बनाते समय बीपीए नामक रसायन का उपयोग किया जाता है। एक ही प्लास्टिक बोतल में लम्बे समय तक पानी पीना जहर के समान है। जो पाचन तंत्र के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक है।
प्लास्टिक के बोतल में न पीये गर्म पानी
आइएमस बीएचयू से आयुर्वेद में एमडी डा. एके मिश्रा बताते है कि बार बार एक ही बोतल के इस्तेमाल से पाचन तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ता है। आजकल पेट संबंधित व्याधियों से परेशान लोगो की तादात बढ़ी है। खानपान के अलावा इसकी की प्रमुख वजह में सिंगल यूज पानी की बोतल का बार-बार इस्तेमाल भी है। बताया कि प्लास्टिक बोतल में गर्म पानी क्षारयुक्त पानी या नींबू के शरबत के सेवन से बचना चाहिए।