UP : पत्नी बच्चों की हत्या कर खुद फंदे पर लटका पति
आपसी घरेलू कलह में हुई यह घटना, हर कोई स्तब्ध
विजय गुप्ता
बांसडीह (बलिया)। कोतवाली क्षेत्र के देवड़ीह गांव में नहर के पास आम के बगीचे में रविवार की रात चार लोगों के शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मृतकों में पति, पत्नी एवं दो अबोध बच्चे भी शामिल है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय भेज दिया। देर रात मौके पर पुलिस अधीक्षक एस आनन्द पहुंच कर घटना की जानकारी लिया और आवश्यक निर्देश दिए। सभी मृतक एक ही परिवार के पति, पत्नी एवं उनके दो पुत्र है, जिनमें पत्नी समेत दो बच्चों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। जबकि पति का शव वहीं पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलता मिला।
बताया जा रहा है कि आपसी घरेलू कलह में यह घटना हुई है। देवडीह निवासी श्रवण राम पुत्र मोहन राम ने अपनी पत्नी शशिकला देवी 35 वर्ष पुत्र सूर्या राव व दुधमुंहे बच्चे मिट्ठू चार माह की धारदार हथियार से गला कटकर हत्या कर घर के पास स्थित आम के बगीचे में वहीं फेंक दिया। हत्या के बाद पास में ही आम के एक पेड़ पर चढ़कर रस्सी से फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर लिया। इस संबंध में मृतका शशिकला के भाई धीरज ने करीब शाम को अपनी बहन के यह फोन कर कुशल क्षेम पूछा तो बहन द्वारा बताया गया की उसके जीजा द्वारा उसके साथ मारपीट की जा रही है। इसके तत्काल बाद फोन कट गया। भाई द्वारा कई बार फोन करने के बाद घंटी बजती रही लेकिन कोई फोन रिसीव नहीं कर रहा था बाद में फोन भी बंद आनें लगा। किसी अनहोनी की आशंका पर भाई अपने माता मीना देवी पिता कन्हैया राम कों लेकर बहन की ससुराल चला आया। ससुराल पहुंचने पर घर में किसी का कोई पता नहीं चला तो स्थानीय पुलिस को सूचना दिया। सूचना पाकर पहंुची पुलिस ने घर जाकर जांच की तो वहां कोई नहीं मिला। छानबीन करते हुए पुलिस घर के से करीब 50 मीटर दूर आम के घने बगीचे में पहंुची जिसके बाद घटना की जानकारी हुई। मामले में आनन-फानन में फोरेंसिक टीम व काफी संख्या में पुलिस बल मौके पर पंहुच गये। घटनास्थल पर मृतक श्रवण की जेब से पुलिस को सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसके द्वारा इस पूरी घटना की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने तत्काल सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। घटना के बाद ससुराल और मायके दोनों परिवारों में कोहराम मचा है, सभी लोग नियति को कोस रहे है।
बेकसूर बच्चों का क्या था कसूर, कोई बताये
तीन भाईयों में सबसे बड़े बीए तक पढ़ाई के बाद कोई नौकरी नहीं मिली तो पेंटर कार्य करने वाले मृतक श्रवन राम की शादी वर्ष 2015 में नगरा थाना क्षेत्र के ढोढवा गांव निवासी कन्हैया राम की इकलौती पुत्री शशिकला के साथ बड़ी धूम-धाम से हुई थी। बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही मृतक के घर घरेलू कलह प्रारंभ हो गया था। घरेलू कलह से तंग आकर एक वर्ष बाद पहले पुत्र सूर्या के जन्म के बाद से शशिकला मायके चली आई। मामला इतना बढ़ा की न्यायालय में भी परिवाद दाखिल हो गया। इधर करीब डेढ़ वर्ष बाद स्मभ्रत व्यक्तियों ने दोनों पक्षों के साथ सुलह समझौता कराकर शशिकला को पुनः ससुराल भेज दिया। ससुराल में ही घटना से करीब छह माह पहले ही दूसरे बच्चे मिठू का जन्म हुआ था और अब ये घटना हो गई। लोगों का कहना है कि अबोध बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा था उनका का क्या कसूर रहा जो इस दर्दनाक घटना में अपनी जान गंवा दिए।
चार भाईयों की इकलौती बहन थी शशिकला
चार भाईयो की इकलौती बहन थी शशिकला। दर्दनाक घटना में इकलौती बहन को खोने से चारों भाई भी फूट-फूट कर रो रहे थे। मृतका की मां मीना देवी की हालत खराब है। रोते-रोते अपनी इकलौती पुत्री और उसके दो पुत्रों को याद कर बेहोश हो जा रहीं थी। पिता कन्हैया राम की भी हालत खराब थी। घटना से सभी सतब्ध है। पिता कन्हैया राम ने रोते-रोते बताया कि अगर पता होता की मेरी बच्ची की इस प्रकार मौत होगी तो मैं कभी उसको ससुराल नहीं भेजता।