UP : एक पैर काटकर बच्चे की बचाई गई जान
वाराणसी अस्पताल में हुआ ऑपरेशन
बलिया। प्लास्टर के बाद खराब हो चुके पैर के चलते मासूम रवि की जान ही मुश्किल में फंस गयी थी। बीएचयू में चिकत्सिकों की टीम के तमाम प्रयास के बाद भी बिना पैर काटे मासूम की जिंदगी बचाने का कोई विकल्प नहीं मिला। आखिरकार बुधवार को वाराणसी अस्पताल में रवि के बाएं पैर का आधा हिस्सा काटना पड़ा। इस प्रक्रिया के बाद मासूम के जीवन पर आया संकट टल गया है। फिलहाल रवि खतरे से बाहर बताया जाता जा रहा है। एक सप्ताह बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। बांसडीह तहसील क्षेत्र के पिंडहरा निवासी रमेश राजभर के 8 वर्षीय पुत्र रवि का बायां पैर पिछले दिनों फ्रैक्चर हो गया था। जिला अस्पताल में प्लास्टर के कुछ दिन बाद ही उसका पैर सड़कर काला पड़ने लगा। यहां के चिकत्सिकों ने यह कहते हुए वाराणसी भेज दिया कि पैर नहीं काटा गया तो रवि की जान जा सकती है। वाराणसी जाकर कई प्रयास के बाद भी परिजन रवि को बीएचयू में भर्ती नहीं करा पाए थे। क्षेत्रीय लोगों, खासकर युवाओं ने भी सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी। इसका असर जल्द ही सामने आया। क्षेत्रीय विधायक केतकी सिंह से बात के बाद प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने भी हस्तक्षेप किया। इस पर बीएचयू में चिकत्सिकों की टीम ने सोमवार व मंगलवार को रवि का परीक्षण किया लेकिन निराशा ही हाथ लगी। चिकत्सिकों ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। परिजनों के साथ मौजूद पिंडहरा के प्रधान प्रतिनिधि अंशु पांडे ने वाराणसी के एक निजी अस्पताल में डा. एके राय से सम्पर्क किया। बच्चे व उसके परिजनों की स्थिति जानने के बाद डा. राय ने अपने अस्पताल में रवि को भर्ती कर लिया। जान बचाने के लिए और कोई विकल्प नहीं बचने पर चिकत्सिक ने रवि का बायां पैर ऑपरेशन के जरिए काट दिया। अस्पताल में मौजूद अंशु के अनुसार रवि के घुटने से चार इंच नीचे छोड़कर पैर काट दिया गया है। ऑपरेशन के दौरान रवि के लिए खुद अंशु तथा रवि के पिता रमेश राजभर ने दो यूनिट खून भी दिया।
आर्थिक मदद को कई लोगों ने बढ़ाए हाथ
मजदूर के बेटे रवि के जीवन के लिए क्षेत्रीय युवाओं ने ताकत दी। सोशल मीडिया पर पिण्डहरा गांव के प्रधान नीतीश पांडे रंजन, अंशु पांडे, गिरिश पांडे आदि ने मुहिम चलाकर रवि के लिए प्रार्थना करने के साथ ही मदद की अपील की। इसका असर भी हुआ है। बांसडीह व बलिया शहर के धमेंद्र पांडे, अभिषेक पांडे, पंकज सिंह, नंदन पांडे, नितेश पांडे, मोनू पांडे, चीकू, चमचम, राणा सिंह आदि ने धनराशि भेजकर मदद की है। अंशु ने बताया कि ग्राम प्रधान नीतीश पांडे के एक दर्जन से अधिक रश्तिेदार व परिवार के लोग भी मदद किये हैं।
कृत्रिम पैर से चल सकेगा रवि
वाराणसी के निजी अस्पताल में रवि के साथ मौजूद अंशु पांडे के अनुसार चिकत्सिक ने कहा है कि घुटने के नीचे से कटे होने से भवष्यि में रवि को कृत्रिम पैर लगाया जा सकता है। कृत्रिम पैर लगाने के सम्बंध में जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी राजीव यादव ने बताया कि सरकारी स्तर से कृत्रिम अंग लगाने की व्यवस्था है। इसके लिए प्रक्रिया के सवाल पर बताया कि गांव-गांव में कैम्प लगाकर चह्निांकन किया जाता है। फिलहाल यह कार्य चल रहा है। चह्निांकन के समय सम्बंधित लाभार्थी के जरूरी कागजात लिए जाते हैं। इसके बाद नश्चिति तिथि पर कृत्रिम अंग लगा दिया जाता है। बताया कि हालांकि यह सुविधा 18 वर्ष से अधिक के उम्र वालों के लिए है। रवि की उम्र अभी 8 वर्ष है। कम उम्र वालों के लिए सुविधा के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि वे इस सम्बंध में कृत्रिम अंग लगाने वाले सम्बंधित लोगों से बात करेंगे।