UP : चंदन के चार पेड़ काट ले गए चोर


जंगली बाबा धाम पर पांच दर्जन से अधिक लगे हैं चंदन के पेड़
सरयू के रास्ते तस्करी को दिया जा रहा अंजाम
बलिया।
स्थानीय थाना क्षेत्र के कठौड़ा स्थित जंगली बाबा धाम पर लगे चंदन के पेड़ों को काटने और उसकी लकड़ी गायब करने की सूचना से हड़कंप मच गया है। मौके पर पहुंची पुलिस कागजी खानापूर्ति कर वापस लौट गई। जबकि क्षेत्रवासी स्थानीय पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। तहसील सिकंदरपुर अंतर्गत कठौड़ा स्थित जंगली बाबा धाम में काफी लंबे समय से चंदन के पेड़ लगे हैं। जिनकी संख्या पांच दर्जन से अधिक बताई जा रही है। बीते शुक्रवार को रात के अंधेरे में किसी समय चोरों ने चंदन के चार पेड़ों पर हाथ साफ कर दिया, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।

शनिवार को दोपहर बाद मंदिर के पुजारी महामंडलेश्वर 108 श्री कृष्ण दास ब्रह्मचारी महाराज जब बगीचे में घूम रहे थे तो कटे हुए चार पेड़ों सहित कुछ अर्ध काटे पेड़ों को देखा तो, उनके होश उड़ गए। घटना की सूचना उन्होंने गांव वालों को दी। बगीचे से चंदन के पेड़ काटे जाने की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण भी पहुंच गए और मामले से सिकंदरपुर पुलिस को अवगत कराया। सूचना के काफी देर बाद शाम को पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना कर स्थिति को देखा और कागजी कोरम पूरा कर वापस लौट गई। घटना के 48 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस की सुस्ती से ग्रामीण काफी नाराज हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एक तो पुलिस सूचना देने के घंटो बाद पहुंची, दूजा अब तक कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं की गई।


पांच बीघे में फैला है बगीचा
कठौड़ा स्थित जंगली बाबा धाम का बगीचा करीब पांच बीघे में फैला है, जिसमें विविध प्रकार के बेशकीमती पेड़ लगे हैं, जिसमें एक चंदन के पेड़ भी हैं। बगीचे से सट कर ही सरयू नदी बहती है। जिसकी वजह से लकड़ी तस्कर आसानी से अपने काम को अंजाम दे देते हैं। हैरत की बात यह है कि इस बगीचे के सैकड़ों बेशकीमती पेड़ों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। यहां सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।
तीन साल पहले भी काटे गए थे पेड़
जिले में चंदन के पेड़ों का यह एक मात्र बगीचा है। इन पेड़ों को देखने के लिए दूर दराज से लोग पहुंचते हैं। ग्रामीणों की मानें तो प्रारंभ में कोई दिक्कत नहीं थी। जैसे-जैसे पेड़ बड़े होने लगे वैसे-वैसे इन पेड़ों पर तस्करों की गिद्ध दृष्टि भी गहरी होती गई। विगत दो-तीन सालों में इन बेशकीमती पेड़ों को चंदन तस्कर रात के अंधेरे में काट कर आसानी से नदी उस पार भेज देते हैं। बीते तीन साल में डेढ़ दर्जन से अधिक चंदन के पेड़ काटे जा चुके हैं, लेकिन किसी भी मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जबकि चंदन की लकड़ी का व्यापार प्रतिबंधित है।

पेड़ों की सुरक्षा का नहीं है कोई व्यवस्था
मंदिर के पुजारी महामंडलेश्वर 108 श्रीकृष्ण दास ब्रम्हचारी ने बताया कि इन बेशकीमती पेड़ों की सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस को आवेदन दिया गया। बावजूद कोई व्यवस्था नहीं की गई। बताया कि कागजों में कठौड़ा में पुलिस चौकी भी स्थापित है लेकिन यह थाने से ही संचालित किया जाता है। यहां के कर्मचारियों को भी थाने से अटैच कर दिया गया है। इस संबंध में एसएचओ सिकंदरपुर योगेश यादव ने बताया कि रात 8 बजे तहरीर मिली है, मामले की जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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