वादा ही रह गया नेताजी का वादा
नीले गगन के तले कटान पीड़ितों का जीवन चले
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसा सैकड़ों परिवार, सीएम का फरमान भी नहीं आया काम
बलिया। बैरिया विधानसभा क्षेत्र का दुबेछपरा आज भी अपने हाल पर आंसू बहा रहा है। गंगा के दरियाव में समाप्त हुई गोपालपुर, उदयीछपरा गांव के लोग आज नीले गगन के तले अपना जीवन यापन कर रहे है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों परिवार जीवन और मौत से लड़ रहे है। वहीं छोटे-छोटे बच्चे कब किसी बड़े वाहन के चपेट में आ जाए, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। नेताजी ने वादा तो किया लेकिन उसको निभाया नहीं। अब तो कटान पीड़ित और बाढ़ पीडित आज के नेताओं के इतना दुखी है कि वो मतदान न करने का भी मन बना चुके है। अब चुनाव लड़ने वाले नेता कटानपीड़ितों को अपने पक्ष में लेने के लिये कौन सा जादू चलाएंगे यह तो वक्त बताएगा, लेकिन गंभीर समस्या यह बनी हुई है कि तीन साल बीतने के बाद भी इन्हें न तो जमीन मिला और न ही आवास। जब बाढ़ व कटान के समय लोग गंगा के बाढ़ व कटान से बचने के लिये अपना सबकुछ छोड़कर दुबेछपरा स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे आकर रिंग बांध पर आकर बस गये, और उनकी पीड़ा सुनने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आ गये। उस समय लोगों को बहुत उम्मीद थी कि गंगा की भेंट चढ़ा घर द्वार मुख्यमंत्री के सहयोग से वापस मिल जाएगा, लेकिन सबसे बड़ी विडबना यह रही कि अभी तक उन्हें कुछ नहीं सिवाय आश्वासन केे।
सैकड़ों की संख्या में बंधे पर बसे है लोग
बाढ़ व कटान विगत चालीस सालों से चलती आ रही है। पहले पचरूखिया, रामगढ़ ढाले से लगायत कई गांव गंगा और घाघरा की चपेट में आये। जिसमें अब तक सैकड़ों गांव का अस्तित्व गंगा में विलीन हो गया। उन्हें भी आवास मिला कि नही ं मिला यह भी एक जंांच का विषय है। आज भी कटान पीड़ित रामगढ़ ढाले के पास रिंग बांध पर बसे है। बहुत से ऐसे बच्चे है जिनकी जन्मस्थली गंगा में विलीन हो गयी। पूर्वजों की निशानी भी गंगा में समा गयी। जीवन भर की कमाई गंगा की धारा में चली गयी। अब सरकार के रिंगबांध पर जीवन चलाने वाले कटान पीड़ित सरकार की राह कई सालों से देख रहे हैं। अरबो खरबों रूपये गंगा में चला गया। लेकिन इन्हें आवास नहीं मिला। इससे अच्छा तो मायावती सरकार थी जो जरूरतमंदों को कांशीराम आवास मिला। उसी के तर्ज पर यदि भाजपा भी सबको आवास बनाकर देने की काम की होती तो आज लोग बंधे पर नहीं बसने के लिये विवश नहीं रहते।
बलिया आजकल टीम, रोशन जायसवाल, राजकुमार।