UP : जिला जेल के 630 बंदियों को खिलाई गयी फाइलेरिया रोधी दवा


बलिया।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) अभियान में रविवार को जिला जेल के 630 बंदियों को उम्र एवं वजन के अनुसार फाइलेरिया से बचाव के लिए डीईसी और एल्बेंडाजोल दवा खिलाई गई। यह जानकारी वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ० अभिषेक मिश्रा ने दी। नोडल अधिकारी ने बंदियों को बताया कि फाइलेरिया रोग के दुष्परिणाम 5 से 15 साल बाद दिखते हैं। शुरू में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है और जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है।

सूजन से फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता जैसी स्थिति बन जाती है। प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक हो जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है, इस बीमारी से बचाव के लिए वर्ष में एक बार पांच साल तक दवा खाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनपद में 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन एमडीए अभियान चलाया जा रहा है। कुछ बंदियों ने फाइलेरिया से जुड़ी समस्याओं को साझा किया जिसके लिए उन्हें आवश्यक परामर्श दिया गया। इस कार्यक्रम मे सहायक मलेरिया अधिकारी नीलोत्पल कुमार, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक कृष्ण कुमार पाण्डेय, मलेरिया निरीक्षक वरुण कुमार, राजकुमार फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के मनु, रुपेश, कैलाश, सी-फार के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शुभ नाथ चैबे आदि ने बंदियों को दवा खिलाने में सहयोग प्रदान किया।

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